जिंदगी की राह में क्या रुकावट है, शांति कहाँ?

जिंदगी की राह में क्या रुकावट है, शांति कहाँ?

पहले तो सोचना ही थोड़ा दुर्लभ है. मन एक भीतर का घेरा चला रहा है. हर पल कुछ नया, कुछ अनजान.. विचारों की एक बारिश हो रही है. एक तो नींद कहाँ? अरे

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